tag:blogger.com,1999:blog-9039253461999942235.post2217761780480256889..comments2023-10-02T13:36:21.828+05:30Comments on aawaj: शकुंतलाamiteshhttp://www.blogger.com/profile/05923164488045661896noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-9039253461999942235.post-30042257507638610522010-10-01T06:27:00.092+05:302010-10-01T06:27:00.092+05:30आपकी रपट में विवरण और तटस्थता का अच्छा समन्वय ह...आपकी रपट में विवरण और तटस्थता का अच्छा समन्वय है. यह पारम्परिक कलाओं को मंचीय प्रस्तुति के अनुकूल बनाए जाने के प्रयास में उसके स्वरूप में हो रहे परिवर्तन पर भी विचार करने को लक्षित जान पड़ती है. ऐसी प्रस्तुतियां तैयार करना संस्थाओं द्वारा ही संभव है और प्रस्तुति होती रहे इसलिए गुटका संस्करण जैसी चीज भी आवश्यक होने लगी है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.com